कन्नौज के इत्र से महक रहे है रोजेदार

gorakhpur ...इत्र की खुश्बू सभी को पसंद होती हैं। इस्लाम धर्म में इत्र को खासा स्थान प्राप्त है। पैगम्बर साहब को इत्र से बेहद मुहब्बत थी। वह फरमाते थे कि अगर कोई तुम्हें तोहफे में इत्र दे ंतो कभी इंकार मत करो। इत्र की खुश्बू से रूह को ताजगी मिलती है। वही इबादत में रूहानियत का एहसास कराती है। रमजान माह व ईद में इत्र की डिमाण्ड बढ़ जाती है। महंगाई की मार से इत्र भी महंगी हो चुकी है। इत्र के शौकीनों की जेबों पर अतिरिक्त खर्चों का बोझ बढ़ गया है। पिछले साल की तुलना में इत्र के दामों में 5से15 रू. तक की बढो़त्तरी हुई है। इ़़़त्र के विक्रेता अख्तर ने बताया कि माल भाड़े में बढोत्तरी, इत्र में पड़ने वाले केमिकल के दामों में बेतहाशा वृद्धि आदि के दामों में काफी उछाल आया है। इस समय मजमुआ 5-250रू., फिरदौसी 5-300रू., गुलाब 5-150रू., मुश्क 25-250रू., मुश्क अम्बर 40-200 रू., मैगनेट 35-75 रू., अतर संदल 25-60रू., बहार 25रू.,अतर फवाके सद़फ 25-60रू., अतर हयाती 25-60रू., कश्तूरी 25-50रू, अतर शमामा 40-250 रू. तक बाजार में उपलब्ध है। बाजार में मजमुआ, फिरदौसी,गुलाब, की ज्यादा डिमाण्ड है। उन्होंने बताया कि इत्र कन्नौज व मुम्बई से मंगवायी जाती है। वैसे तो हर माह इत्र की डिमाण्ड रहती है लेकिन रमजान व ईद में इसकी बिक्री काफी जोर पकड़ती है।

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