
हजरते सय्येदुना उमर ने एक मरतबा ईद के दिन अपने शहजादे को पुरानी कमीस पहने देखा तो रो पड़े, शहजादे ने अर्ज़ किया, प्यारे अब्बा जान! आप किस लिए रो रहे हैं? आपने फरमाय, बेटे मुझे अन्देशा है कि आज ईद के दिन जब लड़के तुझे इस फटे पुराने कमीस में देखेंगे तो तेरा दिल टूट जाएगा। शहजादे ने जवाबन अर्ज किया ‘‘ दिल तो उसका टूटे जो रजाए इलाही को न पा सका या जिसने माॅं या बाप की नाफरमानी की हो और मुझे उम्मीद है कि आप की रजामंदी के तुफैल अल्लाह तआला भी मुझे से राजी होगा।’’ यह सुनकर हजरते उमर रो पड़े। शहजादे को गले लगाया और उस के लिए दुआ की।
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