हुजूर गौसे आजम की ईद

अल्लाह के मकबूल बन्दों की एक एक अदा हमारे लिए मोजिबे सद दर्सें इब्रत होती है। देखिए हमारे हुजूर गौसे आजम की शान कितनी जबरदस्त और अरफअ व आला है लेकिन बावजूद इतनी बड़ी शान होने के हमारे लिए आप क्या चीज पेश फरमाते है। पढ़िए और इब्रत हासिल कीजिए। ख़ल्क़ गोयद कि फरदा रोजे़ ईद अस्त। खुशी दर रूहे हर मोमिन पदीद अस्त। दराॅं रोजे़ कि बा ईमाॅं ब-मीरम। मिरा दर मुल्के खुदआॅं रेाजे़ ईद अस्त। यानि लोग कह रहे है कल ईद है। कल ईद है। और सब खुश हैं लेकिन मैं तो जिस दिन इस दुनिया से अपना ईमान महफ़ूज लेकर गया। मेरे लिए तो वही दिन ईद का होगा। क्या शाने तक्वा है। इतनी बड़ी शान कि ,अवलिया किराम के सरदार और इस कदर तवाजोअ इन्किसार । यह सब कुछ हमारे दर्स के लिए है।

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