सुनीता रमजान में तो मां प्रभावती मोहर्रम में रखती रोजा गोरखपुर। रमजान माह से सभी फैजयाब हो रहे है। उनमें एक नाम काजीपुर कला की रहने वाली 25 वर्षीय श्रीमती सुनीता पासवान का भी है। जो 16 सालों से रमजान का रोजा रख रही है। 16 साल पहले बड़े भाई पुनित कुमार की बीमारी से घर वाले परेशान थे। उस समय रमजान का माह चल रहा था। डाक्टर ने कहा जल्द से जल्द आपरेशन करना पड़ेगा। घर वाले परेशान थे। मुस्लिम सहेली सोनी ने रमजान के रोजे के फैजान के बारे में बताया। फिर दिल में तमन्ना पैदा हुई। बुलाकीपुर स्थित दादा मियां शाह मुकीम शाह बाबा की मजार पर पर मन्नत मांगी कि भाई की तबीयत ठीक हो जायेगी तो रमजान का रोजा रखूंगी। भाई की तबीयत ठीक हो गयी। फिर क्या था वह दिन था और आज का दिन है। हर रमजान का ग्यारहवां रोजा रखती चली आ रही है। साथ ही नवरात का व्रत भी रखती हूं। इस वक्त दो बच्चे भी है। ससुराल महराजगंज में है, पति अनिल कुमार शिक्षक है। रोजा रखने से कभी नहीं रोका। जब भी रोजा रखती हूं खूब इफ्तारी बनती है घर पर रहती हूं तो मुस्लिम सहेलियों के साथ रोजा खोलती हंू और जब सुसराल मंे रहती हूं तो परिवार के साथ रोजा खोलती हूं। सुनीता पासवान बताती है कि यह श्रद्धा है। रोजा रखने से रूह को काफी सुकून मिलता है। जो भी परेशान नजर आता है। तो उसे रोजा रखने की सलाह देती हूं। स्ुनीता बताती है मां प्रभावती देवी नवीं मोहर्रम का रोजा रखती है। उन्होंने मेरे छोटे भाई के लिए मन्नत मांगी थी। जिसे वह आज पूरी शिद्दत के साथ बिना नागा पूरा कर रही है। मां-बेटी का रोजे के प्रति समर्पण देता है समाज को नई आशा।

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