कुर्बानी मालिके निसाब पर वाजिब
इस त्योहार में हर वह मुसलमान जो आकिल बालिग मर्द औरत जिसके पास साढ़े बावन तोला चांदी या साढ़े सात तोला सोना का मालिक हो या इनमें से किसी की कीमत के सामाने तेजारत हो या तकरीबन 25 हजार रूपया हो उसके ऊपर कुर्बानी वाजिब है । कुर्बानी के लिए मुकीम होना भी जरूरी है। इसी वजह से हर मुसलमान इस दिन कुर्बानी करवाता है। जानवर जिब्ह करने के वक्त उसकी नियत होती है कि उसके अंदर की सारी बदअख्लाकी और बुराई सबकों मैने इसी कुर्बानी के साथ जिब्ह कर दिया और इसी वजह से मजहबे इस्लाम में ज्यादा से ज्यादा कुर्बानी का हुक्म किया गया है। कुर्बानी का अर्थ होता है कि जान व माल को खुदा की राह में खर्च करना। इससे अमीर, गरीब इन अय्याम में खास बराबर हो जाते है और बिरादराने इस्लाम से भी मोहब्बत का पैगाम मिलता है। कुर्बानी हमें दर्स देती है कि जिस तरह से भी हो सके अल्लाह की राह में खर्च करो। कुर्बानी से भाईचारगी बढ़ती है।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें