तकबीरे तशरीक
नवीं जिलहिज्जा के फज्र की नमाज से तेरहवीं के असर तक हर फर्ज नमाज के बाद जो जमात से अदा की गई तो एक मरतबा तकबीरे तश्रीक ‘‘ अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर ला इलाहा इल्लल्लाह वल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर व लिल्लाहिल हम्द’
बुलंद आवाज से कहना वाजिब है और तीन बार अफजल है।
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