मुस्ताहाबात
जिसके जिम्मे कुर्बानी है उसके लिए बेहतर है कि चांदरात से बाल न बनवायें न नाखून तरशवायें, दसवीं जिलहिज्जा को नमाज से पहले कुछ न खायें, साफ सुथरे या नये कपड़े हसबे इसतात पहने खुश्बू लगाये, ईदगाह को तक्बीरे तशरीक बाआवाजें बंुलंद कहता हुआ एक रास्ते से जायें और दूसरे रास्ते से वापस आयें।
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