कैसे भूलें हम तेरा यौमे शहादत ऐ हुसैन!
गोरखपुर ।
तेरी कुर्बानी ने जिन्दा कर दिया इस्लाम को।
वह रहेगा ता अबद तेरी बदौलत ऐ हुसैन!
मिल्लते इस्लाम को मिलता है एक दर्से ह्या!
कैसे भूलें हम तेरा यौमे शहादत ऐ हुसैन!
हाल मेरा कुछ भी हो, मेरा अकीदा है यही!
बख्शवाएगी मुझे तेरी मोहब्बत ऐ हुसैन।
मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार के सहायक अध्यापक मोहम्मद आजम ने किताबों के हवाले से बताया कि मुखबिरे सादिक गैब दा नबी ने अपने नवासे इमाम हुसैन की पैदाइश के साथ ही आपकी शहादते उजमा के बारे में खबर दे दी थी। हजरत अली, हजरत फातिमा, हजरत हसन और खुद इमाम हुसैन भी जानते थे कि एक दिन करबला के मकाम पर शहीद किया जाऊंगा। लेकिन किसी ने भी और खुद इमाम हुसैन ने भी कभी किसी किस्म का शिकवा जुबान पर नहीं लाया। बल्कि निहायत खन्दा पेशानी के साथ अपनी शहादत की खबर सुनते रहे।
हदीस शरीफ में आया है कि हजरत उम्मे फजल बिन्ते हारिस पत्नी हजरत अब्बास फरमाती है कि मैंने एक रोज पैगम्बर साहब की खिदमत में हाजिर होकर हजरत इमाम हुसैन को आपकी गोद में दिया फिर मैं क्या देखती हूं कि पैगम्बर साहब की आंखों से लगातार आंसू बह रहे है। मैंने अर्ज किया या रसूलल्लाह! मेरे मां बाप आप पर कुर्बान। यह क्या है? फरमाया - मेरे पास जिबरील आए और मुझे खबर दी कि मेरी उम्मत मेरे इस फर्जन्द को शहीद करेगी? मैंने अर्ज किया: क्या इस फर्जन्द को शहीद करेगी। हुजूर ने फरमाया हां और जिबरील मेरे पास उसकी शहादत गाह की सूर्ख मिट्टी भी लाए। एक और हदीस में है कि पैगम्बर ने फरमाय मुझे जिबरील ने खबर दी कि इमाम हुसैन को तफ़ (करबला) में शहीद किया जायेगा। जिबरील मेरे पास यह मिट्टी लाए और मुझसे बताया कि यह हुसैन के मकतल की खाक है। तफ करीबे कुफा उस मकाम का नाम है जिसको करबला कहते है। हदीस में आया है कि वह मिट्टी हजरत उम्मे सलमा फरमाती है कि मैंने उस सुर्ख मिट्टी का एक शीशी में रख दिया जो हजरत हुसैन के शहादत के दिन खून हो गई। इब्ने सअ्द हजरत शाबी से रिवायत करते है कि हजरत अली जंगे सिफ्फीन के मौका पर करबला से गुजर रहे थे कि फुरात के किनारे ठहर गये और उस जमीन का नाम दर्याफ्त फरमाया। लोगों ने कहा कि इस जमीन का नाम करबला है। करबला का नाम सुनते ही आप इस कदर रोये कि जमीन आंसुओं से तरबतर हो गई। फिर फरमाया पैगम्बर साहब की खिदमत में एक रोज हाजिर हुआ तो देखा कि आप रो रहे है। मैंने अर्ज किया कि आप क्यों रो रहे है? फरमाया अभी जिबरील आये थें। उन्होने मुझे खबर दी कि मेरा बेटा दरियाए फुरात के किनारे उस जगह पर शहीद किया जायेगा। जिसको करबला कहते है। वहां की मिट्टी भी मुझे सुंघाई। एक और जगह हजरत अली ने फरमाया कि इमाम हुसैन के कब्र की जगह पर आए तो हजरत ने फरमाया यहां उन शोहदा के ऊट बंधेगे। यहां उनके कजावे रखे जायेंगे। यहां उनके खून बहेंगे। और आले मोहम्मद का एक गिरोह इस मैदान में शहीद होगा और उन पर जमीन व आसमान रोयेंगे।

Casinos Near Me - CasinoTaratOddsOS
जवाब देंहटाएंCasinos Near 총판모집 Me. Casinos near me. Casinos 먹튀검증 with 강원 랜드 여자 앵벌이 Casinos with Casinos Near Me. What 스포츠 분석 사이트 are Casinos Near Me? CasinoTaratOddsOS 텐벳먹튀 offers unbiased and unbiased reviews to help you