जिसने इमाम हसन व हुसैन से मुहब्बत की उसने जन्नत पा ली

गोरखपुर इमाम हसन व इमाम हुसैन के बारे में हदीस में आया है कि हजरत अबू सईद खुदरी से रिवायत है कि पैगम्बर साहब ने फरमाया हसन और हुसैन जन्नती जवानों के सरदार है। हजरत उसामा बिन जैद फरमाते है कि एक रात में किसी काम से पैगम्बर साहब की खिदमत मंे हाजिर हुआ। तो नबी इस तरह बाहर लाये कि आप किसी चीज को उठाए हुए थे जिसे मैं न जान सका। जब मैं अर्जें हाजत से फारिग हुआ तो दर्याफ्त किया हुजूर यह क्या उठाए हुए है। आपने चादर उठाई तो मैंने देखा कि आपके दोनों पहलुओं में हजरत इमाम हसन और हुसैन है। आपने फरमाया यह दोनों मेरे बेटे और मेरे नवासे है। ऐ अल्लाह! मैं उन दोनों से मुहब्बत करता हंू तू भी उनसे मुहब्बत कर, और जो इनसे मुहब्बत करे उससे भी मुहब्बत कर। हजरत इब्ने उमर से रिवायत है कि रसूले करीम ने फरमाया हसन और हुसैन यह दोनों दुनिया मैं मेरे दो फूल है। एक और हदीस में आया है कि नबीए करीम से पूछा गया कि अहले बैत मंे आपको सबसे ज्यादा कौन प्यारा है? तो आपने फरमाया हसन और हुसैन। और हुजूर नबीए करीम ने हजरत फातिमा से फरमाते थे कि मेरे पास बच्चों को बुलाओ। फिर उन्हें सूंघते थे और अपने कलेजे से लगाते थें। एक हदीस में आया है कि एक मर्तबा आप खुत्बा दे रहे थे कि अचानक इमाम हसन व इमाम हुसैन तशरीफ लाये। उन्होंने सुर्ख रंग की कमीज जैबे तन फरमा रखी थी और वह चलते चलते गिर पड़ते थे। उनको गिरते देखा तो नबीए करीम ने खुत्बा छोड दिया और मिम्बर से नीचे उतरे और उन दोनेां को गोद में उठाया और अपने सामने बिठाकर इरशाद फरमायाः अल्लाह तआला ने सच फरमाया है कि तुम्हारी औलाद और तुम्हारे माल आजमाइश है। मैनंे इन दोनों बच्चों को गिरते दखा तो सब्र न कर सका। हत्ता कि मैं ने अपनी बात बन्द करदी और इन दोनों को उठा लिया। एक दिन हजरत इमाम हसन और हुसैन कुश्ती लड़ने लगे। नबीए करीम ने इमाम हसन से फरमाया हुसैन को पकड़ लो! हजरत फातिमा कहने लगी या रसूलल्लाह आप बड़े को कहते है कि छोटे को पकड़ लो। हुजूर ने फरमायाः जिबरील तो हुसैन से कह रहे है कि हसन को पकड़ लो।एक मशहूर हदीस है रसूलल्लाह ने फरमाया इमाम हसन और हुसैन के बारे में जिसने उन दोनों से मुहब्बत की तो उसने मुझसे मुहब्बत की और जिसने उन दोनों से दुश्मनी की उसने मुझसे दुश्मनी की। एक जगह आपने इरशाद फरमाया कि जिसने इन दोनों को महबूब रखा उसने मुझको महबूब रखा। और जिसने मुझको महबूब रखा उसने अल्लाह को महबूब रखा। और जिसने अल्लाह को महबूब रखा अल्लाह ने उसको जन्नत में दाखिल किया। जिसने इन दोनों से बुग्ज रखा उसने मुझसे बुग्ज रखा। जिसने मुझसे बुग्ज रखा उसने अल्लाह से बुग्ज रखा। जिसने अल्लाह से बुग्ज रखा अल्लाह ने उसको जहन्नम में दाखिल कियां। ----------------

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