डेढ़ सेमी का दरूद शरीफ
राज कुमार की सूक्ष्म कृतियां नायाब
गोरखपुर। पिछले साल सैफई महोत्सव में गोरखपुर के एक हुनरमंद ने यूपी के सीएम अखिलेश यादव को अपनी कला से सम्मोहित कर लिया। दाल के दाने पर सीएम की तस्वीर बना डाली। सीएम वाह क्या बात कहने पर मजबूर हो गए। सीएम इस कदर खुश हुए कि पीए को आदेश दिया कि इस हुनरमंद का विजिटिंग कार्ड रख लो। गोरखपुर के लाल को पन्द्रह हजार रूपए माहवार मिलेगा।
हुनर के धनी इस शख्स का नाम है राज कुमार वर्मा। बसंतपुर में इनकी रिाईशगाह है। एक अगस्त 1951 को किशुन लाल वर्मा के घर में जन्में राज कुमार की ख्याति की ख्याति पूरे देश में है। राज्य सरकार द्वारा 1992 में पुरस्कार पा चुके है। 1992 में ही अयोध्या में स्वण पदक से नवाजा जा चुका है। इसके अलावा ढे़र सारे पुरस्कार। बेंगलुरू, कर्नाटक, हरियाणा, उत्तरांचल, ताज महोत्सव आगरा, नई दिल्ली, सीमांत बिहार राज्य,, सूरजकुंड हरियाणा, मेरठ, लखनऊ सहित देश के अन्य हिस्सों मंे अपनी कला का लोहा मनवा चुके है। वर्मा के पिता पेशे से घड़ीसाज व पहलवान थे। वह चाहते थे कि उनका पुत्र भी नामी पहलवान बने। लेकिन राज कुमार तो कला के प्रेमी थे। उन्हें तो अपने हुनर की अलग इबारत लिखनी थी। संगीत के प्रति रूचि के कारण लोक गीतों में महारत हासिल की। स्टेज से लगायत रेडियों तक अपनी दिलकश आवाज से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उम्दा फनकार होने के साथ बेहतरीन घड़ी साज भी बने। अब हम असल मौजू पर आते है। नगर निगम में 1975 में प्रदर्शनी लगी थी। वहां पर एक स्आल पर दाल के दानों पर एक कलाकार देवी देवताओं के चित्र बना रहा था। इस कला से वह इतने प्रभावित हुए कि इस कला को अपनी जिदंगी का अहम हिस्सा बना लिया। बिना किसी उस्ताद के मदद उन्होंने दाल के दाने पर रवीन्द्र नाथ टैगोर की तस्वीर बना डाली। जिसको परा करने में एक माह का समय लगा। जब हाथ मंझ गया तो 200-250 चित्र तिल, रामदाना, दाल, चावल, खरबूजे के दानों पर बना डाला। इनकी कला की एक सबसे बड़ी खस्यित यह है कि यह चित्र दानों पर नंगी आंखों से बनाते हैं। दाल के दानों पर अमेरिकी के भूतपूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिटंन, जार्ज बुश, सद्दाम हुसैन, भारत की महान विभूतियों के चित्र बड़े ही सधे तरीके व सलीके से बनाए है। इसके अलावा मुगलकालीन बादशाहों व उनके शासनकालों को दाल के दाने पर सुन्दर ढ़ग से उकेला है। चावल के दानों पर राम दरबार, गौतम बुद्ध, गणेश, सीता राम, सहित तमाम चित्र बनाए। दाल पर गुरूनानक, मदर टेरेसा, अमिताभ बच्चन, नवाब वाजिद अली शाह भूतपूर्व राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा, छत्रपति शिवाजी तिल पर 155 अक्षर पर इंडिया, चावल पर नटराजन की मूर्ति का चित्र, खरबूजे के बीज पर राम, चावल पर विष्णु, गायत्री मंत्र, रामदाने पर बुद्ध की तस्वीर बना डाली।
गोरखपुर। राज कुमार वर्मा को अरबी नहीं आती है लेकिन मौलानओं से दरूद शरीफ को लिखने की आज्ञा लेकर डेढ़ सेमी की दरूद शरीफ की पुस्तक मुकम्मल कर दी। इसे बनाने में चार माह का समय लगा। इस किताब में 30 दरूद शरीफ है। जो अरबी लिपि मं हैं। दरूद शरीफ के नीचे अरबी शब्द का उच्चारण भी है। यह भी अपने में नायाब है।
एक सेमी का हनुमान चालीसा
गोरखपुर। जुनून ऐसा कि एक सेमी की सचित्र हनुमान चालीा तैयार कर दी। चार माह के अंदर हनुमान चालीस मुकम्मल। जिसमें हनुमान चालीसा, बजरंग बाण, हनुमान नाष्टक, आरती है। पचास पृष्ठों की पुस्तक में पच्चीस चित्र ह व पच्चीस लेखन हैं बाइंडिंग भी खुद की। इसे मैग्नीफाइन लैंसे के जरिए देखा जा सकता है।
गिनिज बुक को भेजी प्रविष्टि
गोरखपुर। राज कुमार वर्मा ने अपनी तीन कृतियों को गिनिज बुक में भेजा है। जिसमें एक सेमी का हनुमान चालीसा, डेढ़ सेमी को दरूद शरीफ एवं इंटरनेशनल फेमस आर्टिस्ट बुक चावल के साइज 64एमएम पर भेजा है। जिसमंे लिनार्डाें द विंसी, एमएफ हुसैन सहित तमाम मशहूर चित्रकारों के चित्र बने हैं।
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