पूरी दुनिया में इस्लाम का परचम बुलंद : मौलाना जहांगीर


पूरी दुनिया में इस्लाम का परचम बुलंद : मौलाना जहांगीर

-नबी के तुफैल बनी दुनिया : मौलाना मकसूद

-हजरत बाबा तबारक खां शहीद अलैहिर्रहमां का दो दिवसीय उर्स-ए-मुबारक जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी कार्यक्रम से शुरु

-आज कुल शरीफ व पेश होगी सरकारी चादर


गोरखपुर। प्रेमचंद पार्क  रोड बेतियाहाता स्थित दरगाह पर हजरत बाबा तबारक खां शहीद अलैहिर्रहमां का दो दिवसीय उर्स-ए-मुबारक सोमवार को जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी  कार्यक्रम के साथ शुरु हुआ।

मुख्य वक्ता जामा मस्जिद सुभानिया तकिया कवलदह के इमाम मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी ने कहा कि नबी हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहौ अलैही वसल्लम ने ईसाईयों, यहूदियों सहित तमाम मजहबों वालों के साथ बेहतरीन सुलूक किया। उसी का नतीजा है कि आज सारी दुनिया में इस्लाम का परचम बुलंद हैं। ईद मिलादुन्नबी की महफिल सजाना नबी हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहौ अलैही वसल्लम से मुहब्बत की दलील है और शरीयत की नजर में महबूब भी है। हमारे बुजुर्गों से इसका साक्ष्य भी मिलता है। विश्व शंति के लिए नबी हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहौ अलैही वसल्लम की तालीम को हर इंसान तक पहुंचाना जरुरी हैं। नबी-ए-पाक के साथी साहाबा, तबे ताबईन, औलिया, उलेमा ने आपके नक्शेकदम पर चलकर इंसानों को हक की राह दिखायी।
जिस्मानी बीमारियों का इलाज डाक्टर के पास होता है तो रुहानी इलाज अौलिया के पास मिलता हैं।
उन्होंने कहा कि ईद मिलादुन्नबी ना होती तो ईद व ईदुल अज्हा की खुशी न मिलती। हमें नबी की जिदंगी से यह तालीम मिलती है कि लोगों के साथ भलाई करें । हमें चाहिए की कुरआन व हदीस को पढ़े उस पर अमल करें। भले  दो रोटी खानी पड़े लेकिन बच्चों को जरुर पढ़ाये।

हजरत मुबारक खां शहीद दरगाह मस्जिद के इमाम मौलाना मकसूद आलम मिस्बाही ने कहा कि  नबी-हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहौ अलैही वसल्लम की तालीम को खुद अपनायें दूसरों तक पहुचायें। बुराई से बचने का प्रण लें। नबी-ए-पाक इंसानों की रहनुमा के लिए भेजे गये। इसलिए खुदा ने हमें बेहतरीन उम्मत के खिताब से नवाजा। हमें चाहिए की हम उनकी बतायी तालीम पर अमल करें।   हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहौ अलैही वसल्लम ने इंसानों को जीने का तरीका बताया। लोगों को सही रास्तें पर चलने की तालीम दी।  सारी दुनिया हजरत मुहम्मद साहब के तुफैल बनायी गयी। आप सारी दुनिया के लिए रहमत है। लोगों को भलाई का पैगाम देने वाले हैं। सभी एक अल्लाह के बंदे है। सभी के साथ समानता का व्यवहार करें। कार्यक्रम का आगाज तिलावत कलाम पाक से कारी शराफत हुसैन कादरी ने किया। नात शरीफ रईस अनवर ने पढ़ी। इस दौरान हमीदुल्लाह बुखारी, सेराज राईन, हकीकुल हसन, रमजान अली, अख्तर अली, अनवर अली, ईनामुल्लाह, रफीउल्लाह, रिजवानुल्लाह, उस्मान आदि मौजूद रहे।

27 दिसम्बर का प्रोग्राम
भोर में गुस्ल मजार शरीफ होगा। बाद नमाज फज्र कुरआन खानी होगी। प्रात: 9 बजे कुल शरीफ बाद नमाज मगरिब सायं 6 बजे सरकारी चादर व गागर पेश की जायेगी। रात्रि नमाज के बाद लंगर बांटा जायेगा। इसके बाद हनीफ वारसी कव्वाली पेश करेंगे।

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