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जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में आ गया हज यात्रा आवेदन फार्म

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-2 जनवरी से नि:शुल्क मिलेगा फार्म - 24 जनवरी अंतिम तिथि गोरखपुर। जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में शनिवार को मुकद्दस हज यात्रा 2017 का आवेदन फार्म आ गया हैं। करीब 100 फार्म आये हैं साथ में गाइड लाइन भी आयी हैं। ऑफ लाइन और ऑन लाइन दोनों तरीके से आवेदन किया जा सकता हैं । सोमवार से फार्म निशुल्क मिलना शुरु हो जायेगा। इस्लाम में पांच फर्जों में से हज एक अहम फरीजा है। जिसको जिदंगी में एक बार अदा करना जरूरी है। जनपद में प्रति वर्ष ढ़ाई सौ से ज्यादा लोग हज के सफर पर जाते हैं। हज मालदारों पर फर्ज है और वह भी जिंदगी में सिर्फ एक बार। 2 जनवरी से हज पर जाने के लिए फॉर्म भरने का काम शुरू हो जाएगा।  मक्का- मदीना जाने की चाह रखने वाले अकीदतमंद 2 जनवरी से ऑनलाइन व ऑफ लाइन फॉर्म भरकर अावेदन कर सकते हैं। इसके लिए हज कमेटी ऑफ इंडिया ने अंतिम तिथि 24 जनवरी तय की है। हज के सफर के लिए फॉर्म भरने से जुड़ी सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी है। हज कमेटी की वेबसाइट पर 2 जनवरी से फॉर्म का लिंक खुल जायेगा। वहीं जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से भी फार्म मिलेगा।  हज आवेदन  ऑनलाइन और ऑफ लाइन दोनो...

एक औरत को तालीम दे देना एक यूनिवर्सिटी खोल देने के बराबर है

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इल्म हासिल करना हर मुसलमान पर फर्ज़ हैं  : मौलाना खुर्शीदुल इस्लाम -औलाद को इल्म के जेवर से आरास्ता कीजिए : मौलाना अली अहमद -हजरत मोहम्मद अली बहादुर शाह रहमतुल्लाह अलैह का 100वां तीन रोजा उर्स-ए-पाक शुरू गोरखपुर। मोहल्ला रहमतनगर स्थित बहादुरिया जामा मस्जिद के निकट हजरत मोहम्मद अली बहादुर शाह रहमतुल्लाह अलैह का 100वां तीन रोजा उर्स-ए-पाक आस्ताने पर शनिवार को शुरू हुआ। इस दौरान भव्य जश्न-ए-ईदमिलादुन्नबी का आयोजन हुआ। मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए मौलाना खुर्शीदुल इस्लाम किछौछवीं ने कहा कि औलिया इकराम का फैज सभी पर है। बुजुर्गाें की जिदंगी हमारे लिए नमूना है। उस पर अम्ल करके अल्लाह और रसूल की नजदीकी हासिल की जा सकती है।  हजरत गौस पाक अब्दुल कादीर जिलानी रहमतुल्लाह अलैह ने इस्लाम के पैगाम को फैलाया। पूरी जिदंगी, नबी की पाकीजा सुन्नतों पर अम्ल कर कुर्बें इलाही हासिल किया। उनका पैगाम सभी के लिए है। दिल को अल्लाह के जिक्र से खाली नहीं रखना चाहिए। हम मुसलमान हैं। हमारा धर्म इस्लाम है,यह हमारे लिए बड़े गर्व की बात है। हमारे नबी सल्लल्लाहौ अलैहि वसल्लम का इरशाद  है ...

हज यात्रा अलर्ट : 24 जनवरी तक बन जाना चाहिए नया पासपोर्ट

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- हज यात्रा को जाने के लिए हज कमेटी मुंबई ने जारी किए दिशा निर्देश - वहीं 28 फरवरी से पहले हो रहा है एक्सपायर तो भी हो सकती है समस्या सैयद फरहान अहमद गोरखपुर। मुकद्दस हज के सफर के लिए जाने की चाह रखने वाले लोगों को अलर्ट होने की जरूरत है। अगर उनके पास पासपोर्ट नहीं है या फिर उन्होंने बनवाने के लिए अावेदन कर रखा है और 24 जनवरी तक उन्हें पासपोर्ट नहीं मिलता है, तो हज यात्रा की तमन्ना रखने वालों के सपनों को चकनाचूर हो सकता है। मुंबई स्थित हज कमेटी ऑफ इंडिया ने पासपोर्ट को लेकर अलर्ट जारी किया है। इसके लिए पासपोर्ट वैधता को लेकर कुछ बिंदु अंकित किए गए हैं, जिनके पूरा न होने की दशा में अावेदन फॉर्म निरस्त हो सकता है। हज कमेटी ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि जो भी मुकद्दस हज के सफर के लिए जाने के ख्वाहिशमंद हैं, उनका पासपोर्ट 24 जनवरी तक का बना होना चाहिए। फॉर्म को भरने के लिए भी पासपोर्ट नंबर की जरूरत पड़ेगी। इसलिए अगर पासपोर्ट इसके बाद बनता है तो स्वत:  वह हज का फॉर्म नहीं भर पाएंगे। वहीं जिनके पासपोर्ट 28 फरवरी या उससे पहले एक्सपायर हो रहे हैं, उन्हें भी अपना पासपोर्ट सही क...

इस्लाम में मौजूद सियासत, हुकूमत, समाजी व रुहानी जरुरतों का प्रोग्राम : अल्लामा मसऊद

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इस्लाम ने दिखायी पश्चिमी को इल्म व विज्ञान की राह : मौलाना अहजहर -20वां अजीमुश्शान जलसा-ए-ईदमिलादुन्नबी -शाही जामा मस्जिद उर्दू बाजार पूरब फाटक पर आयोजित गोरखपुर। अलजामियतुल अशरफिया अरबी यूनिवर्सिटी मुबारकपुर के इस्लामिक धर्मगुरु अल्लामा मौलाना मसऊद अहमद ने कहा कि पिछली सदियों के सभी मुस्लिम वैज्ञानिक और शोधकर्ता मदरसों से पढ़कर निकले थे । कुरआन और हदीस उनकी प्ररेणा के स्रोत थे। कई वैज्ञानिक और खोजकर्ता तो कुरआन, हदीस, फिक्ह (धर्मशास्त्र) के विद्वान थे और साथ ही साथ वह नई-नई खोजों में भी व्यस्त रहते थे। इससे  यही सिद्ध होता है कि इस्लाम कहीं भी मनुष्य की प्रगति में रूकावट नहीं डालता। इस्लाम विज्ञान और प्रगति का विरोधी नहीं है। हमारा यक़ीन मुकम्मल यकीन हैं कि इस्लाम में सियासत, हुकूमत और पब्लिक की दुनियावी और परलोकिक ज़रूरतओं को पूरा करने के लिए प्रोग्राम मौजूद हैं। उर्दू बाजार जामा मस्जिद पूरब फाटक पर चिश्तिया कमेटी के तत्वावधान में आयोजित 20वें अजीमुश्शान जलसा-ए-ईदमिलादुन्नबी में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए उन्होंने कहा कि  मुसलमानों के ज्ञान व विद्या में किए ग...

पूरी दुनिया में इस्लाम का परचम बुलंद : मौलाना जहांगीर

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पूरी दुनिया में इस्लाम का परचम बुलंद : मौलाना जहांगीर -नबी के तुफैल बनी दुनिया : मौलाना मकसूद -हजरत बाबा तबारक खां शहीद अलैहिर्रहमां का दो दिवसीय उर्स-ए-मुबारक जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी कार्यक्रम से शुरु -आज कुल शरीफ व पेश होगी सरकारी चादर गोरखपुर। प्रेमचंद पार्क  रोड बेतियाहाता स्थित दरगाह पर हजरत बाबा तबारक खां शहीद अलैहिर्रहमां का दो दिवसीय उर्स-ए-मुबारक सोमवार को जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी  कार्यक्रम के साथ शुरु हुआ। मुख्य वक्ता जामा मस्जिद सुभानिया तकिया कवलदह के इमाम मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी ने कहा कि नबी हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहौ अलैही वसल्लम ने ईसाईयों, यहूदियों सहित तमाम मजहबों वालों के साथ बेहतरीन सुलूक किया। उसी का नतीजा है कि आज सारी दुनिया में इस्लाम का परचम बुलंद हैं। ईद मिलादुन्नबी की महफिल सजाना नबी हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहौ अलैही वसल्लम से मुहब्बत की दलील है और शरीयत की नजर में महबूब भी है। हमारे बुजुर्गों से इसका साक्ष्य भी मिलता है। विश्व शंति के लिए नबी हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहौ अलैही वसल्लम की तालीम को हर इंसान तक पहुंचाना जरुरी हैं। नबी-ए-पाक के साथी साहाब...

मुसलमानों ने विज्ञान के हर क्षेत्र में खिदमत दी : खैरुल बशर

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-एसपी सिटी हेमराज मीणा ने मेधावियों को किया सम्मानित गोरखपुर। मुस्लिम इमदादिया कमेटी ऑफ एजुकेशन के तत्वावधान में एमएसआई इंटर कालेज बक्शीपुर में हाईस्कूल व इंटर के मेधावियों को एसपी सिटी हेमराज मीणा ने सम्मानित किया। करीब 150 मेधावियों को मेडल व प्रमाण पत्र दिया गया।सीओ कैंट अभय कुमार मिश्रा ने भी मेधावियों का उत्साहवर्द्धन किया। बतौर मुख्य अतिथि हेमराज मीणा ने कहा कि शिक्षा किसी भी समुदाय की रीढ़ होती हैं। कोई समाज तब तक उन्नति नहीं कर सकता जब तक कि वह शिक्षा हासिल नहीं करेगा। उन्होंने मेधावियों से आह्वान किया कि पूरा मन लगाकर आगे पढ़ाई करें और जीवन पर्यन्त प्रत्येक क्षेत्र में मेधावी बनें रहें और अपने लक्ष्य को हासिल किए बिना न रुके। लक्ष्य को प्राप्त कर वह अपने देश व समाज की सेवा करें। शिक्षा के साथ संस्कार भी हासिल करें। संस्कार के बिना शिक्षा व्यर्थ है। बच्चियों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ाना बेहद जरुरी हैं। उन्होंने अपने जीवन के अनुभव शेयर किए। मुख्य वक्ता काउंसलर खैरुल बशर ने कहा कि मुसलमानों ने विज्ञान के हर क्षेत्र में अपनी खिदमतों को अंजाम दिया है और विज्ञान ...

पूरी इंसानियत की भलाई इस्लामी कानून के अंदर : मुफ्ती अलाउद्दीन

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-हजरत कंकड़ शाह रहमतुल्लाह अलैह का दो दिवसीय उर्स-ए-पाक मना -दरगाह पर पेश हुई सरकारी चादर व गागर - भव्य जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी का हुआ प्रोग्राम गोरखपुर।  इस्लामिक विद्वान अल्लामा मुफ्ती मोहम्मद अलाउद्दीन मिस्बाही ने कहा कि  अल्लाह ने दुनिया को बनाने के बाद सबसे आला दर्जा इंसान को अता किया और इस सिलसिले में उनकी हिदायत व रहनुमाई के लिए अम्बिया का सिलसिला जारी फरमाया। जिसकी आखिरी कड़ी बनकर हमारे नबी-ए-पाक तशरीफ लायें। जिनकी नुबूवत कयामत तक के लिए हैं। उनकी लायी हुई किताब कुरआन इंसानी जिंदगी का इंसाइक्लोपीडिया हैं ताकयामत तक के लिए। नबी के बाद इंसानों की हिदायत के लिए अल्लाह ने नबी का नायब उलेमा व औलिया को बनाया। जिनके जरिए इंसानों की हिदायत का काम हो रहा हैं और ताकयामत तक होता रहेगा। यहीं वजह है कि औलिया की बारगाहें इंसानियत की भलाई के लिए अपने कारनामों की बुनियाद पर बेमिसाल हैं।  उन्होंने इंसानियत का पैगाम देते हुए कहा कि पूरी इंसानियत की भलाई इस्लामी कानून के अंदर हैं। कुरआन दीन व दुनिया का इंसाइक्लोपीडिया हैं। आज विज्ञान व दुनिया जो कुछ कह रही है और जो कुछ...

महान मुस्लिम वैज्ञानिकों ने रखी नवयुग की नींव : मुफ्ती अख्तर

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-मोहल्ला खोखरटोला  में आयोजित जश्न-ए-ईदमिलादुन्नबी गोरखपुर। आॅक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी में आज भी मुस्लिम विद्वानों की पुस्तकों के लातिनी और दूसरी यूरोपीय भाषाओं में किए गए अनुवाद मौजूद हैं। यूरोप वालों ने अल्पदृष्टि का परिचय देते हुए मुसलमानों के अरबी नामों को लातीनी में  बदल दिया ताकि मुसलमानों को कभी पता न चले कि हमने विज्ञान और कला के क्षेत्र में क्या कारनामे अंजाम दिए। जिन लोगों के नाम बदले गये उनमें इब्ने सीना, इब्नुल हैसम, जाबिर बिन हैयान, जकरिया अल राजी , अल जरकावी, इब्ने रूश्द, अबु बक्र इब्ने बाजह आदि के नाम शामिल हैं। नाम इसलिए बदले गए ताकि आने वाली नस्लें यह न समझें कि मुसलमानों में इतने महान खोजकर्ता और वैज्ञानिक गुजरे हैं जिनकी जलायी इल्म की रोशनी से 14वीं और 15वीं शताब्दी में यूरोप में पुनर्जागरण व धार्मिक विपलव जैसे आंदोलन चले और आज यूरोप विकास और सभ्यता के शिखर पर पहुंचा। यह बातें मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार के फतवा विभाग के हेड मुफ्ती अख्तर हुसैन मन्नानी ने मोहल्ला खोखरटोला में गुरुवार को जश्न-ए-ईदमिलादुन्नबी के मौके पर कहीं। उ...

इस्लामी झंडा बेचने में हिंदू समुदाय भी पीछे नहीं

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-बारह रबीउल अव्वल शरीफ की रौनक सैयद फरहान अहमद गोरखपुर। बारह रबीउल अव्वल शरीफ (ईद मिलादुन्नबी) की तैयारियां जोरों पर हैं। इसके लिए बाजार भी सजे हैं। हालांकि नोटबंदी का असर यहां भी साफ तौर पर देखा जा रहा है लेकिन मामले का दूसरा पहलू यह हैं कि बारह रबीउल अव्वल पर निकलने वाले जुलूस-ए-मुहम्मदी के दौरान अकीदतमंदों के जरिए इस्तेमाल में लाये जाने वाले झंडे, बिल्ले, दुपट्टा, बैज आदि के विक्रेताओं में केवल मुसलमान ही नहीं बल्कि हिंदू भी शमिल हैं। जो अपने आप में यह पैगाम देने के लिए काफी है कि ’’ मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना’’। शहर के अलग-अलग बाजारों में जुलूस-ए-मुहम्मदी से सबंधित सामानों की बिक्री जोर-शोर से जारी है। खासतौर पर झंडे और बैनरों के लिए मशहूर बाजार नखास चौक इन दिनों इस्लामिक झंडों और बैनरों से पटा पड़ा है। यहां की दुकानों में पांच रूपए से लेकर 150 रूपए तक के झंडे व बैनर उपलब्ध है। हालांकि नोटबंदी के बाद इस बाजार पर काफी असर पड़ा है। उसके बावजूद अकीदतमंद जरूरत के मुताबिक सामान खरीदने से गुरेज नहीं कर रहे है। नखास पर मकबूल कार्ड इम्पोरियम के मुख्तार हसन  बता...