इस्लाम ने औरत को घर की मलिका बनाया, इज्जत दी : अल्लामा मौलाना मसऊद अहमद


इस्लाम ने औरत को घर की मलिका बनाया, इज्जत दी :
अल्लामा मौलाना मसऊद अहमद

-नौजवान तलाक का बेजा इस्तेमाल न करें

-यूरोप की सारी तरक्की मुसलमानों की देन हैं

-इल्म के साथ अख्लाक व किरदार भी संवारे

प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया

गोरखपुर। आजकल मुस्लिम औरतों के मसायल के मुताल्लिक हिन्दुस्तान में बड़ा हंगामा हैं। औरतों को मिसगाइड किया जा रहा हैं। औरतों को समझाया जाता हैं कि इस्लाम औरतों को दबा कर रखता हैं। ऐसा बिल्कुल नहीं हैं। आप अगर इस्लाम के कवानीन पर गौर करें तो महसूस होगा कि दुनिया में इस्लाम वह वाहिद मजहब हैं जिसने औरतों को घर की मलिका बना दिया।


यह बातें अलजामियतुल अशरफिया अरबी
यूनिवर्सिटी मुबारकपुर के मौलाना मसऊद अहमद बरकाती ने मियां साहब इस्लामियां इंटर कॉलेज बक्शीपुरर में जलसा सीरतुन्नबी के दौरान कहीं।
उन्होंने बताया कि ब्रिटेन में एक सेमिनार के दौरान एक महिला ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कह दिया कि दुनिया के किसी मजहब ने औरतों के साथ इंसाफ नहीं किया हैं यहां तक की इस्लाम ने भी। हक ए तलाक मर्द को देकर औरतों को मजबूर बना दिया।  वहीं हमारे जमात के अल्लामा अरशदुल कादरी भी मौजूद थे, उन्होंने जवाब दिया कि - " आपने गौर नहीं किया किया। हक ए तलाक मर्द को देकर औरत को मजबूर नहीं किया बल्कि अगर संजीदगी से गौर करें तो आप को समझ में आयेगा कि इस्लाम ने इज्जत दी हैं औरतों को। वह ऐसे कि घर में नौकरानी भी रहती है और बीबी भी। शौहर बीबी के नाम बैंक बैलेंस जमीन जायदाद सभी रखता है लेकिन नौकरानी के नाम कुछ भी नहीं । क्यों नहीं बीबी के सारे हक नौकरानी को देता हैं? तो सुनिए शौहर कहता हैं कि नौकरानी की बागडोर मेरे हाथ में नहीं हैं, वह जब चाहेगी जहां चाहेगी चली जायेगी लेकिन बीबी के नाम सब करता हैं क्योंकि वह जानता हैं कि निकाह की बागडोर शौहर के हाथ में हैं।जब तक वह नहीं चाहेगा  बीबी कहीं नहीं जायेगी। वह ऐतमाद की बुनियाद पर बीबी पर भरोसा करता हैं। अगर औरत को हक ए तलाक हासिल होता तो वह जब चाहती तलाक देकर चली जाती तो उसकी हैसियत एक नौकरानी से ज्यादा नहीं होती। ऐसे में शौहर बीबी पर भरोसा नहीं करता। न बैंक बैलेंस न जायदाद करता। इस्लाम ने हक ए तलाक मर्द को देकर औरत को नौकरानी नहीं बनाया हैं बल्कि घक की मलिका बना दिया हैं।"
मौलाना मसऊद ने आगे कहा कि तलाक एक जरुरत हैं। जिन मजहबों में तलाक की कोई सूरत नहीं उनकी औरतें आत्महत्या करने पर मजबूर होती हैं। कभी-कभी शौहर नाकारा, जालिम हैं तो ऐसी सूरत में जिसकी लड़की है वह क्या करेगा? क्या शौहर के पास रखेगा? जरुरी है उससे अलग हो जाया जायें। तलाक का हुक्म मजबूरियों के लिए हैं। तलाक उन जरुरतों पर हैं कि कोई औरत  ऐसी है जो शौहर के साथ नहीं रहना चाहती है ज्यादती करती हैं। रोज झगड़े होते हो। निभा होना मुश्किल हो जायें  तो ऐसी सूरत में कुरआन ने यहीं फैसला किया है कि दोनों अलग हो जायें। तलाक नापसंदीदा होने के बाद भी एक जरुरत हैं।
नौजवानों से अर्ज किया कि वह तलाक का बेजा इस्तेमाल न करें। तलाक का बेजा इस्तेमान करने की वजह से इस मसले पर हुकूमत की दखलअंदाजी हुई। तलाक एक देनी जरुरी है तो तीन क्यों देते हैं। शरीयत व कुरआन मना करता है। इससे बचिए। औरतें दीनी फराईज को अंजाम दे किसी के बहकावें में न आये और पर्दें का ख्याल रखें। शौहर और बीबी एक दूसरे की बातों पर सब्र करें, दर्जें बुलंद होंगे।

उन्होंने कहा कि कुरआन की पहली आयत इल्म हासिल करने से ताल्लुक रखती हैं। इल्म की अहमियत की वजह से हमें कयादत मिली। यूरोप, एशिया, अफ्रीका को हमनें कई दशकों तक रोशन किया। मुस्लिम साइंस दां ने कुरआन व हदीस में गैरो फिक्र करके नई खोंजे की। यूरोप की सारी तरक्कियां मुसलमानों की देन हैं। हमें कयादत इसलिए मिली की हमनें इल्म के साथ अखलाक, इंसानियत को साथ रखा।आज यूरोप सहित तमाम देशों के पास इल्म तो हैं इंसानियत,अख्लाक खत्म हो गया। जिसका खामियाजा हिरोशीमा नागासाकी, अफगानिस्तान, इराक आदि में नजर आता हैं। साइंस की बुनियाद कुरआन हैं।मुसलमान तो वह है जो साइंस को मुसलमान बना दें।   पैगम्बर ने सहाबा को सिर्फ इल्म ही नहीं बल्कि अख्लाक, किरदार, इंसानियत की भी तालीम दी। आप इल्म जरुर हासिल करें साथ ही अख्लाक, किरदार और इंसानियत की तालिम हासिल करें। वक्त की कद्र करें। उस्ताद का अदब करें। कुरआन पढ़े और उसमें गौर फिक्र करें। अगर इल्म के साथ उक्त सारी चीजें आ गयी तो कयादत फिर से हमारी होगी।इल्म हासिल करने  में खूब मेहनत करें।
खिताब के बाद किरात, तकरीर
, नात सहित अन्य मुकाबले में सफल प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।

इस मौके पर राशिद कमाल समानी, जफर अहमद खां, रिजवानुल हक, मुख्तार अहमद, सफीक, मौलाना शौकत नूरी, मुफ्ती अख्तर हुसैन, मौलाना रियाजुद्दीन, कारी सरफुद्दीन, मौलाना जहांगीर, नवेद आलम, मोहसिन खान, मोहम्मद आरिफ अंसारी सहित तमाम लोग मौजूद रहें।




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