
गोरखपुर। मुस्लिम समुदाय को इस साल अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक एक ही साल में दो बार ईदमिलादुन्नबी मनाने का मौका मिल रहा है। अल्लाह के रसूल मुहम्मद सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम की यौमे पैदाइश यानी ईदमिलादुन्नबी इस साल दूसरी बार पड़ रही है। पूरे 32 साल बाद ऐसा हो रहा है। इस साल 4 जनवरी के बाद अब ईद मिलादुन्नबी 24 दिसंबर को दोबारा मनाई जाएगी। इससे पहले 1982 में 08 जनवरी और 28 दिसंबर को ऐसा हुआ था। साल भर में दो बार ईद मिलादुन्नबी पड़ने की वजह से मुस्लिम समुदाय में भारी उल्लास है। अभी से जश्न की तैयारियां शुरू हो गई हैं।
इस्लामी कैलेंडर के मुताबिक रबी-उल-अव्वल अल्लाह के नबी के यौमे पैदाइश मुबारक का महीना है। ये मुकद्दस महीना अंग्रेजी कैलेंडर में इस साल दो बार आया है। मस्जिदों से लेकर दरगाहों तक में तैयारी शुरू हो गई है।
दुनिया में कैलेंडर दो तरह के हैं। एक सूर्य पर आधारित इसे सोलर कैलेंडर कहते हैं और दूसरा चंद्र मास पर आधारित। इसे लूनर कैलेंडर कहते हैं। ईसाईयों का कैलेंडर सोलर कैलेंडर है जिसमें महीने 30-31 दिनों के होते हैं जबकि इस्लामिक और हिंदू कैलेंडर चंद्र मास पर आधारित है। चंद्र मास में लगभग 28 दिन होते हैं। इसी वजह से त्योहार आगे-पीछे खिसकते रहते हैं।
1852 से 2015 तक ऐसा मौका छह बार
वर्ष 1852 में 05 जनवरी और 24 दिसंबर
वर्ष 1884 में 11 जनवरी और 30 दिसंबर
वर्ष 1917 में 06 जनवरी और 26 दिसंबर
वर्ष 1950 में 02 जनवरी और 22 दिसंबर
वर्ष 1982 में 08 जनवरी और 28 दिसंबर
वर्ष 2015 में 04 जनवरी और 24 दिसंबर
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें