
हादीए बेकसां, क्या कहेगा जहां, आपके दर से खाली अगर जायेंगे।
खौफें तूफां कहीं आंधियों का है गम, सख्त मुश्किल है आका कहां जायें हम।
आप भी गर न लेंगे हमारी खबर, हम मुसीबत के मारे किधर जायेंगे। दर पे साकीए कौसर के पीने चलें ,मैकशो आओ-आओ मदीने चलें।
याद रखो अगर उठ गई वह नजर, जितने खाली है सब जाम भर जायेंगे।
कोई अपना नहीं गम के मारे हैं हम, आपके दर पे फरियाद लाये है हम।
हो निगाहे करम, वरना चैखट पे हम, आपका नाम ले-ले कर मर जायेंगे।
आपके दर से कोई न खाली गया, अपने दामन को भर कर सवाली गया।
हो पयामे हजीं पर भी आका करम वरना औराके हस्ती बिखर जायेंगे।
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