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मार्डन स्लाटर हाउस के लिए जमीन देखने डोमिनगढ़ व बहरामपुर पहुंची नगर निगम टीम

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-हाईकोर्ट में सुनवाई 29 को गोरखपुर । हाईकोर्ट में दाखिल याचिका के जेरे नजर शहर में मार्डन स्लाटर हाउस बनाने के लिए याचिकाकर्ता मिर्जा दिलशाद बेग व अन्य द्वारा प्रस्तावित जमीन को देखने नगर निगम की एक टीम गुरुवार को डोमिनगढ़ व बहरामपुर पहुंचीं। टीम में तहसीलदार, लेखपाल, कानूनगो, नगर निगम अमीन व एक पार्षद शामिल रहे। जमीन देखने के बाद टीम ने याचिकाकर्ता से जमीन के व अन्य कागजात मांगे  हैं। टीम अभी नौसढ़ व गीडा वाली जमीन भी देखेगी। काबिले तवज्जो अगामी 29 मई को गोरखपुर नगर आयुक्त को हाईकोर्ट को हलफनामा देकर बताना हैं कि मार्डन स्लाटर हाउस कितने दिनों में बनकर तैयार हो जायेगा और जब तक स्लाटर हाउस बन नहीं जाता तब तक मीट कारोबारियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था कहा की जायेगी। याचिकाकार्ता मिर्जा दिलशाद बेग ने बताया कि स्लाटर हाउस के मुताल्लिक तमाम कागजात नगर निगम को मुहैया कराये जा रहे हैं। मार्डन स्लाटर हाउस संबंधी गाइडलाइन नगर निगम को मुहैया करा दी गयीं हैं। नगर निगम की टीम आज जमीन देखने पहुंची थीं। उन्होंने बताया कि मार्डन स्लाटर हाउस तीन प्रकार के होते हैं। स्मॉल, मीडियम व बिग। स्मॉल मा...

गोरखपुर सीट पर तीन बार चुने गए मुस्लिम विधायक

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-हर बार मुस्लिम उम्मीदवारों ने किया कड़ा मुकाबला - 1989 से कांग्रेस की जीत का सूरज अस्त -आज़ादी के बाद पहली बार यहां से इस्तफा हुसैन ने जीत हासिल की हाल-ए- गोरखपुर शहर विधानसभा सैयद फरहान अहमद गोरखपुर। विस चुनाव का शंखनाद हो चुका हैं। एक माह से कुछ ज्यादा का समय हैं। गोरखपुर में चुनाव छठवें चरण में हैं। करीब 27  सालों से तरक्की की अास जोह रहा यह क्षेत्र भाजपा का अभेद किला हैं। लेकिन कभी यह सीट कांग्रेस की हुआ करती थी। और यहां से मुस्लिम उम्मीदवार जीता करते थे। जब मुल्क आजाद हुआ तो पहली विधानसभा के लिए इस क्षेत्र से कांग्रेस ने इस्तफा हुसैन  को उतारा। गोरखपुर मध्य से वर्ष 1951 में पहले आम चुनाव में कांग्रेस के इस्तफा हुसैन ने जीत हासिल करते हुए रामलखन को हराया। वर्ष 1957 में भी इस सीट पर इस्तफा हुसैन ने ही जीत हासिल की। वहीं 1962 में कांग्रेस ने नियमतुल्लाह को मैदान में उतारा। उन्होंने जनसंघ के लक्ष्मी कान्त चतुर्वेदी को हराकर कांग्रेस के जीत की हैट्रिक बनवाई। नियामतुल्लाह को 22441 मत मिले तो श्री चतुर्वेदी को 18347 और हिन्दू महासभा के लक्ष्मीशंकर वर्मा को 3853 व...

गोरखपुर : अंग्रेजों के ज़माने में 81 साल पहले शहर में कायम हुआ लड़कियों का पहला मदरसा वर्नाक्यूलर

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गोरखपुर : अंग्रेजों के ज़माने में 81 साल पहले शहर में कायम हुआ लड़कियों का पहला मदरसा वर्नाक्यूलर -हैदरी बेगम ने 84 साल पहले मियां साहब इमामबाड़े में लड़कियों के लिए जलायी इल्म की शम्मा  - मदरसा आज इमामबाड़ा मुस्लिम गर्ल्स इंटर कॉलेज के रुप में वृहद शक्ल अख्तियार कर चुका है - इमामबाड़े से ही जुड़ा है सैय्यद जव्वाद अली शाह इमामबाड़ा गर्ल्स डिग्री कॉलेज गोरखपुर। सुन्नी संप्रदाय का एक वाहिद इमामबाड़ा जनपद के मशहूर मोहल्ला मियां बाजार में स्थित है। जिसकी उम्र कई सौ साल की हो चुकी हैं। मुहर्रम के दस दिनों में इसकी रौनक देखते ही बनती है। शहर में हिन्दू-मुस्लिम एकता का यह मरकज है। इसकी ख्याति हजरत रोशन अली शाह, इमामबाड़े की  इमारत, ऐतिहासिक धूनी, सोने चांदी ताजिया व यहां से निकलने वाले ऐतिहासिक जुलूसों के रुप में दूर तलक हैं। लेकिन इस इमामबाड़े के आगोश में 84 साल पहले का एक ऐसा तारीखी वाकया भी बावस्ता हैं जिसने लड़कियों खास कर मुस्लिम लड़कियों  की शिक्षा के क्षेत्र में अहम किरदार निभाया। 81 साल पहले अंग्रेजों के जमाने में इमामबाड़ा में लड़कियों का पहला मदरसा  कायम...